Wednesday 6 July 2016

दुनिया की सैर फ्री में करनी है तो ये हैं करियर ऑप्शन

दुनिया की सैर फ्री में करनी है तो ये हैं करियर ऑप्शन

दुनिया की सैर फ्री में करनी है तो ये हैं करियर ऑप्शन
क्या आप अपनी नौकरी से संतुष्ट हो गए हैं और आपका दुनिया भर की सैर करना एक सपना है, तो आपके दोनों सपने सच हो सकते हैं। बस जरूरत है ऐसे कोर्सेज के बारे में जानकारी की जो आपको इस काबिल बनाएं कि आप अलग-अलग देशों में नौकरी कर अपने घूमने-फिरने का शौक भी पूरा कर सकें।
स्काई डाइवर, स्कूबा इंस्ट्रक्टर
स्काई इंस्ट्रक्चर, स्कूबा यानी अंडरवॉटर डाइविंग जैसे एडवेंचर्स कोर्स करिए और पूरा करिए अपना दुनिया घूमने का सपना। इस तरह के कोर्स कर आप एक महीने की ट्रेनिंग देने के काबिल हो जाते हैं। विदेशों में इस तरह के एडवेंचर्स कोर्सेज की ट्रेनिंग की काफी डिमांड है।
ट्रेवल राइटर
अगर आप ट्रेवलिंग से जुड़े लेख लिखते हैं तो आपको घूमने का पैसा मिल सकता है। अलग-अलग देशों की एम्बेसी देश में घूमने और अनुभव को लिखने के लिए आपको भुगतान करती हैं।
आर्कियोलॉजिस्‍ट
आर्कियोलॉजिस्‍ट की नौकरी में दुनिया भर में घूमकर प्राचीन काल सभ्यता की पता लगाता है। आर्कियोलॉजिस्‍ट का करियर आपको पृथ्वी के अलग-अलग देशों में रिसर्च प्रोजेक्ट पर काम करने का मौका देता है।
ट्रेवल नर्स
अगर आपके पास अच्छा अनुभव है तो आप विदेश में नर्स की नौकरी कर सकती हैं। हेल्थ केयर स्टाफिंग एजेंसी के जरिए आप नौकरी पा सकती हैं और आपको सैलरी, मेडिकल इंश्योरेंस, रहने की जगह के साथ घूमने को भी मिलेगा।
ट्रांसलेटर
ट्रांसलेटर की तकरीबन हर देश में होती है। अधिकतर मल्टीनेशनल कंपनियों में ट्रांसलेटर रखे जाते हैं। अगर आप भी दो से तीन विदेशी भाषाओं के जानकार हैं तो पाइए नौकरी और करें दुनिया की सेर।


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ये हैं दुनिया की 9 खतरनाक जेल, एक-दूसरे को मारकर खा जाते हैं कैदी

ये हैं दुनिया की 9 खतरनाक जेल, एक-दूसरे को मारकर खा जाते हैं कैदी

ये हैं दुनिया की 9 खतरनाक जेल, एक-दूसरे को मारकर खा जाते हैं कैदी
जेल जाना आखिर किसको पसंद होता है लेकिन कई बार लोग किसी गलती या अपराध की वजह से जेल पहुंच ही जाते हैं। भारत में तो कई बार सामने आया है कि बड़े अपराधी जेल के अन्दर रहकर ही अपना काला कारोबार चलाते रहते हैं। लेकिन दुनिया में ऐसी जेल भी मौजूद हैं जहां जाने की कल्पना करके भी बड़े से बड़े अपराधी की रूह कांप जाती है। आज हम आपको बता रहे हैं ऐसी ही 8 जेलों के बारे में जहां जाना तो आसान है लेकिन लौटना मुश्किल...

1. टडमोर जेल, सीरिया
सीरिया की ये जेल 'डेथ वारंट' के नाम से जानी जाती है। बता दें कि इस जेल में कैदियों की मृत्यु दर सीरिया में सबसे ज्यादा है। यहां कैदियों को भीषण यातनाओं से गुजरना पड़ता है। कैदियों की पिटाई और खाना न देना यहां आम बात है। सबसे ज्यादा दिक्कत यहां के लोकल गैंग की मौजूदगी से होती है। साल 1980 में सीरिया के राष्ट्रपति हफेज़ अल असद के आदेश पर लगभग 2400 कैदियों को मार दिया गया था।

2. गीतारामा सेंट्रल जेल, रवांडा
ये दुनिया की सबसे खतरनाक जेलों में से एक है। आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि ये जेल सुरक्षाकर्मियों नहीं बल्कि यहां मौजूद कैदियों की वजह से ही बदनाम है। यहां के बारे में मशहूर है कि कैदी इस जेल में एक-दूसरे को मारकर भी खा जाते हैं। इस जेल में कैदियों की क्षमता 600 है जबकि यहां 7 हज़ार से ज्यादा कैदी रखे गए हैं।

3. डियारबाकिर जेल, तुर्की
तुर्की की इस जेल को सबसे ज्यादा मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों में पहले नंबर पर रखा जाता है। इस जेल में कैदियों की मृत्यु दर दुनिया की सभी जेलों में दूसरे नंबर पर है। इस जेल पर दुनिया भर की निगाह तब गईं जब एक मानवाधिकार संगठन ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि साल 1981 से 1984 के बीच यहां 34 कैदियों की असामान्य परिस्थितियों में मौत हो गई। यहां कैदियों को मानसिक और शारीरिक यातनाएं देने के साथ ही उनका यौन शोषण भी किया जाता है।

4. बेंगवेंग जेल, थाइलैंड
थाइलैंड की ये जेल 'बैंकॉक हिल्टन' के नाम से भी जानी जाती है। यहां कैदियों को कैमिकली भी टॉर्चर किया जाता है। यहां मृत्युदंड पाए हुए कैदियों को लोहे की जंजीरों से बांधकर रखा जाता है। मृत्युदंड के लिए यहां पहले सर काटने के तरीकों का भी इस्तेमाल किया जाता था।

5. ला संते जेल, फ्रांस
La Sante जेल फ्रांस की राजधानी पेरिस से बस कुछ मील की दूरी पर स्थित है। ये जेल 'सुसाइड सेल' के नाम से भी मशहूर है। साल 1867 में जब से इसे शुरू किया गया तब से ही यहां असामान्य परिस्थितियों में आत्महत्या करने के सैंकड़ों मामले सामने आए हैं। साल 1999 में 124 कैदियों ने जेल के अंदर ही सुसाइड कर लिया। कुछ लोग इस जेल में बुरी आत्माओं के साए की बात भी कहते हैं।

6. ला साबानेटा, वेनेजुएला
वेनेजुएला की ये जेल अपने क्रूर कैदियों के ली मशहूर है। यहां लगभग हर रोज हिंसा होती है और इस हिंसा में कैदी मारे भी जाते हैं। साल 1994 में इस जेल के अन्दर भीषण गैंगवार हुई थी जिसमें 100 कैदी मारे गए थे। आज भी इस जेल में वेनेजुएला के सबसे बड़े गैंग का राज चलता है।

7. कैम्प 22, नॉर्थ कोरिया
यह जेल नॉर्थ कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग इल के आदेश पर साल 1965 में बनी थी। इसमें 50 हजार से अधिक कैदी रहते हैं। यहां कोई भी क्राइम करने पर कैदियों की तीन पीढ़ियों को उम्रकैद की सजा भुगतनी पड़ती है। सरकार का मानना है कि इससे क्राइम की जड़ ही खत्म हो जाती है। ऐसा कहा जाता है इस जेल में कैदियों पर बॉयलोजिकल वेपन को टेस्ट किया जाता है।

8. अल हायर जेल, सऊदी अरब
इस जेल को मिडिल ईस्ट की सबसे खतरनाक जेल कहा जाता है। यहां कैदियों पर तरह-तरह के अत्याचार किये जाते हैं। टॉर्चर का विरोध करने वाले कैदियों को मार डालना यहां आम बात है। कहा जाता है कि टॉर्चर से तंग आकर साल 2002 में कुछ कैदियों ने इस जेल में आग लगा दी थी जिसमें 140 कैदी और 40 गार्ड मारे गए थे।

9. टेक्सास स्टेट पेनिटेन्शरी
ये अमेरिका की सबसे खतरनाक जेल है। पूरे अमेरिका से खतरनाक कैदियों को लाकर इस जेल में रखा जाता है। इस जेल में कई बार गैंगवार की घटनाएं भी देखने को मिलीं हैं। जेल में कैदियों की मृत्यु दर के मामले में भी ये जेल अव्वल है।

ये हैं देश के पांच खास मंदिर, जिनके रहस्य को कोई नहीं जानता

ये हैं देश के पांच खास मंदिर, जिनके रहस्य को कोई नहीं जानता

ये हैं देश के पांच खास मंदिर, जिनके रहस्य को कोई नहीं जानता
भारत धर्म, भक्ति, अध्यात्म और साधना का देश है, जहां प्राचीन काल से पूजा-स्थल के रूप में मंदिर विशेष महत्व रखते रहे हैं। यहां कई मंदिर ऐसे हैं, जहां विस्मयकारी चमत्कार भी होते बताए जाते हैं। जहां आस्थावानों के लिए वे चमत्कार दैवी कृपा हैं, तो अन्य के लिए कौतूहल और आश्चर्य का विषय। आइए जानते हैं, कुछ विशेष मंदिरों के बारे में, जिनके रहस्य आज भी वैज्ञानिक नहीं सुलझा पाए हैं।
कामाख्या मंदिर
पूर्वोत्तर भारत के राज्य असम में गुवाहाटी के पास स्थित कामाख्या देवी मंदिर देश के 52 शक्तिपीठों में सबसे प्रसिद्ध है। लेकिन इस अति प्राचीन मंदिर में देवी सती या मां दुर्गा की एक भी मूर्ति नहीं है। पौराणिक आख्यानों के अनुसार इस जगह देवी सती की योनि गिरी थी, जो समय के साथ महान शक्ति-साधना का केंद्र बनी।

यह मंदिर तीन हिस्सों में बना है। इसका पहला हिस्सा सबसे बड़ा है, जहां पर हर शख्स को जाने नहीं दिया जाता है। दूसरे हिस्से में माता के दर्शन होते हैं, जहां एक पत्थर से हर समय पानी निकलता है। कहते हैं कि महीने में एक बार इस पत्थर से खून की धारा निकलती है। ऐसा क्यों और कैसे होता है, यह आज तक किसी को ज्ञात नहीं है?
करणी माता मंदिर
इस मंदिर को चूहों वाली माता का मंदिर, चूहों वाला मंदिर और मूषक मंदिर भी कहा जाता है, जो राजस्थान के बीकानेर से 30 किलोमीटर दूर देशनोक शहर में स्थित है। करनी माता इस मंदिर की अधिष्ठात्री देवी हैं, जिनकी छत्रछाया में चूहों का साम्राज्य स्थापित है। इन चूहों में अधिकांश काले है, लेकिन कुछ सफेद भी है, जो काफी दुर्लभ हैं। मान्यता है कि जिसे सफेद चूहा दिख जाता है, उसकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है।

ज्वालामुखी मंदिर
ज्वाला देवी का प्रसिद्ध ज्वालामुखी मंदिर हिमाचल प्रदेश के कालीधार पहाड़ी के मध्य स्थित है। यह भी भारत का एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ है, जिसके बारे में मान्यता है कि इस स्थान पर पर माता सती की जीभ गिरी थी। माता सती की जीभ के प्रतीक के रुप में यहां धरती के गर्भ से लपलपाती ज्वालाएं निकलती हैं, जो नौ रंग की होती हैं। इन नौ रंगों की ज्वालाओं को देवी शक्ति का नौ रुप माना जाता है। ये देवियां है: महाकाली, अन्नपूर्णा, चंडी, हिंगलाज, विन्ध्यवासिनी, महालक्ष्मी, सरस्वती, अम्बिका और अंजी देवी।

किसी को यह ज्ञात नहीं है कि ये ज्वालाएं कहां से प्रकट हो रही हैं? ये रंग परिवर्तन कैसे हो रहा है? आज भी लोगों को यह पता नहीं चल पाया है यह प्रज्वलित कैसे होती है और यह कब तक जलती रहेगी? कहते हैं, कुछ मुस्लिम शासकों ने ज्वाला को बुझाने के प्रयास किए थे, लेकिन वे विफल रहे।
काल भैरव मंदिर
मध्य प्रदेश के शहर उज्जैन से लगभग आठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है भगवान काल भैरव का एक प्राचीन मंदिर। श्रद्धालु उन्हें प्रसाद के तौर पर केवल शराब ही चढ़ाते हैं। आश्चर्यजनक यह है कि जब शराब का प्याला काल भैरव की प्रतिमा के मुख से लगाया जाता है, तो वह एक पल में खाली हो जाता है।

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर
राजस्थान के दौसा जिले में स्थित मेहंदीपुर का बालाजी धाम भगवान हनुमान के 10 प्रमुख सिद्धपीठों में गिना जाता है। मान्यता है कि इस स्थान पर हनुमानजी जागृत अवस्था में विराजते हैं। यहां देखा गया है कि जिन व्यक्तियों के ऊपर भूत-प्रेत और बुरी आत्माओं का वास होता है, वे यहां की प्रेतराज सरकार और कोतवाल कप्तान के मंदिर की जद में आते ही चीखने-चिल्लाने लगते हैं और फिर वे बुरी आत्माएं, भूत-पिशाच आदि पल भर पीड़ितों के शरीर से बाहर निकल जाती हैं।

ऐसा कैसे होता है, यह कोई नहीं जानता है? लेकिन लोग सदियों से भूत-प्रेत और बुरी आत्माओं से मुक्ति के लिए दूर-दूर से यहां आते हैं। इस मंदिर में रात में रुकना मना है।